Thinthini Patthar: सरगुजा में कई सारे धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल है जिनमे से कुछ तो काफी रहस्यमयी है उन्हीं में से एक है ठिनठिनी पत्थर, यह अंबिकापुर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है जो अन्य पत्थर से बिलकुल अलग है आइये जानते हैं ठिनठिनी पत्थर के बारे में विस्तार से
ठिनठिनी पत्थर
ठिनठिनी पत्थर छिंदकालो गांव में है जो अंबिकापुर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर दरिमा हवाई पट्टी के समीप है। यह एक अनूठी चट्टान है जो किसी अन्य पत्थर से टकराने पर एक मधुर धातु की आवाज करती है। यह समान पत्थरों के टीले पर विराजमान है। यह दुसरे पत्थर से बिलकुल अलग है, किसी दुसरे पत्थर से ठोकने पर ठन-ठन की आवाज आती है। ऐसा लगता है मानो पत्थर अन्दर से पूरी तरह खोखला है। यह बेलनाकार चट्टान करीब 2 मीटर 35 सेंटीमीटर लंबी और 95 सेंटीमीटर चौड़ी है।
इस पत्थरों में बैठकर या लेटकर बजाने से भी इसके आवाज में कोइ अंतर नहीं पड़ता है। एक ही पत्थर के दो टुकडे अलग-अलग आवाज पैदा करते हैं। इस विलक्षणता के कारण इस पत्थरों को अंचल के लोग ठिनठिनी पत्थर कहते हैं।
यह लगभग दो सौ क्विंटल की चट्टान है, आकार में बेलनाकार जमीन की चट्टानों पर टिकी हुई है। जब यह किसी ठोस पदार्थ से ग्रसित होता है, तो एक धात्विक ध्वनि गूँजती है। पत्थर के अलग-अलग बिंदुओं से अलग-अलग आवाजें आती हैं।
कब जाएँ और कैसे जाएँ
इस पत्थर को देखने वैसे तो आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन जब भी मैनपाट घुमने जाएँ तब इसे देखते हुए जाना न भूलें, यह मैनपाट रोड में दरिमा हवाई पट्टी के समीप है।
- ट्रेन से: निकटतम रेलवे स्टेशन अंबिकापुर है, वहां से टैक्सी किराए पर लें
- सड़क द्वारा: निकटतम बस स्टैंड अंबिकापुर है, वहां से टैक्सी किराए पर लें सकते हैं
Places To Visit Near Thinthini Patthar
- मैनपाट : मैनपाट अंबिकापुर से 75 किलोमीटर दूर है और इसे छत्तीसगढ़ के शिमला के रूप में जाना जाता है। यहाँ कई सारे प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं।