दोस्तों आपने म्यूच्यूअल फंड का विज्ञापन टीवी पर कभी ना कभी देखा ही होगा, पर क्या आप जानते हैं कि Mutual Funds In Hindi क्या है? कुछ लोग Mutual Funds के बारे में गलत राय रखते हैं, जैसे कि यहां पर पैसा लगाने से सिर्फ नुकसान ही होता है। क्या इसमें सच्चाई है भी या बस लोग यूं ही बोलते हैं, कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि Mutual Funds और स्टॉक मार्केट एक ही है, पर सच्चाई कुछ और है जो आज आपको इस लेख में पता चलेगा।
Mutual Funds In Hindi क्या है?
Mutual Funds वैसे Funds होते हैं, जिसमें बहुत सारे लोगों का पैसा लगा होता है, दरअसल होता यूं है कि मुचल फंड में जमा हुए पैसे को भिन्न-भिन्न निवेशे में लगाया जाता है, और उत्तम प्रयास की जाती है कि मुचल फंड के ग्राहकों को अधिक से अधिक लाभ मिले।
Mutual Funds मैं लगे पैसे को निवेश करने का काम एक Professional Fund Manager करता है, Professional Fund Manager का काम होता है, बेहतर से बेहतर Funds को खोज कर उसमें निवेश करना, और निवेशकों को अधिक लाभ पहुंचाना।
जब भी आप टीवी पर Mutual Funds का विज्ञापन देखते होंगे, तब आपने विज्ञापन के अंत में एक वाक्य जरूर सुना होगा। जो रहता है — Mutual Funds Sahi Hai.
Kya Mutual Funds Sahi Hai?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Mutual Funds, SEBI यानी Securities and Exchange Board of India के अंतर्गत रजिस्टर्ड है। SEBI का कार्य है India के Market को Control करना होता है। आसान शब्दों में कहूं तो SEBI का कार्य Investors के Funds को Safe रखना का होता है, SEBI यह भी देखता है कि कहीं कोई कंपनी अपने ग्राहकों के साथ धोखा तो नहीं कर रही।
वैसे तो Mutual Funds भारत में बहुत समय से मौजूद है, पर लोगों में Mutual Funds को लेकर जानने की जिज्ञासा अब बड़ी है। क्योंकि अब एक आम व्यक्ति भी ₹500 प्रति महीने के दर से Mutual Funds में निवेश कर सकता है।
Mutual Funds History in Hindi
Mutual Funds की शुरुआत भारत में 1963 में की गई थी, इसकी पहल भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने UTI यानी Unit Trust of India का गठन करके किया था। हम Mutual Funds के इतिहास को निम्नलिखित 4 चरणों में बांट सकते हैं।
पहला चरण (1964 — 1987)
Unit Trust of India का गठन 1963 में संसद के अधिनियम के तहत हुआ, वैसे तो इसका गठन भारत सरकार एवं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा किया गया था। Unit Trust of India ने शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अंतर्गत ही काम किया, लेकिन 1978 में Unit Trust of India को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से अलग कर दिया गया और फिर Unit Trust of India ने IDBI यानी Industrial Development Bank of India के अंतर्गत कार्य किया, भारत में पहली चरण के अंत तक Unit Trust of India के पास 6700 करोड़ की संपत्ति आ चुकी थी।
दूसरा चरण (1978 — 1993)
भारत में Mutual Funds की दूसरी चरण की शुरुआत 1978 में, Public Sector Funds की प्रवेश से हुआ। Public Sector Funds के प्रवेश से बहुत सारे बैंकों को अपना Mutual Funds बनाने का मौका मिला। सबसे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 1987 में Mutual Funds बनाया और उसके बाद कई बैंकों ने। भारत में Mutual Funds के दूसरे चरण के अंत तक 47 हजार चार करोड़ की संपत्ति आ चुकी थी।
तीसरा चरण (1996 — 2003)
भारत में Mutual Funds की तीसरे चरण की शुरुआत 1993 में, Private Sector Funds के प्रवेश से हुई। Private Sector Funds के प्रवेश ने भारत को एक नया युग में मोड़ दिया था, Public Sector Funds को Mutual Funds मैं जुड़ने से निवेशक को अधिक विकल्प मिले। सबसे पहले The erstwhile Kothari Pioneer (जो अब Fraklin Pioneer के साथ मिल चुका है) ने 1993 में Mutual Funds बनाया। भारत में Mutual Funds के तीसरे चरण के अंत तक यानी 2003 तक करीब 33 Mutual Funds हो चुके थे, जिसकी संपत्ति 1,21,805 करोड थी और 44541 करोड रुपए Unit Trust of India के पास अलग से थी।
चौथा चरण (2003 — अब तक)
भारत में Mutual Funds का चौथा चरण 2003 में Unit Trust of India को दो भागों में बांटने से हुआ, Unit Trust of India को दो भागों में बांट कर SUUIT यानी Specified Undertaking of The Unit Trust of India और UTI यानी Unit Trust of India कर दिया गया। जो SEBI यानी Securities and Exchange Board of India के अंतर्गत काम करते हैं। चौथा चरण अभी तक चल रहा है या अभी तक खत्म नहीं हुआ है।
आप तो जानते ही होंगे कि 2009 में मंदी आई थी, जिसने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को हिला दिया था।
इस आर्थिक मंदी का असर भारत के Mutual Funds पर भी पढ़ा था, जिससे निवेशकों को बहुत घाटा हुआ था। घाटा होने के बाद बहुत सारे लोगों का म्यूच्यूअल फंड की ओर से आकर्षण घट गया था। पर 2016 तक म्यूच्यूअल फंड की अच्छी बढ़ोतरी हुई, 2016 तक स्थित कुल संपत्ति 15.63 ट्रिलियन हो चुकी थी, आपको बता दें कि भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या 5 करोड़ से अधिक हो चुकी है।
Types of Mutual Funds in Hindi
Mutual Funds मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, जो निम्नलिखित हैं।
- Open Ended Funds
- Close Ended Funds
Open Ended Funds: या वैसे फंड होते हैं, जिसमें आप किसी वक्त भी निवेश कर सकते हैं। या फिर निवेश किए हुए पैसे को किसी वक्त भी बाहर निकाल सकते हैं।
Open Ended Funds के प्रकार
वैसे तो Open Ended Funds के बहुत सारे प्रकार होते हैं, लेकिन हमने मुख्य चार प्रकारों को ही आपके सामने रखा है।
a. Debt Fund
b. Liquid Fund
c. Equity Fund
d. Balanced Fund
Debt Fund: यह फंड बहुत ही सुरक्षित होते हैं, Debt Fund मैं निवेशकों को बहुत ही कम जोखिम उठाना पड़ता है, क्योंकि यहां निवेशक Debunters Government Bond, आदि में निवेश करते हैं।
Liquid Fund: यह फंड भी सुरक्षित ही होते हैं, यदि आप कम समय के लिए Mutual Funds मैं निवेश करना चाहते हैं, तो आपके लिए यह विकल्प अच्छा हो सकता है।
Equity Fund: यदि आप Long Terms निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके लिए Equity Fund एक अच्छा विकल्प है। पर यह याद रखें Equity Fund को शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है, इसलिए इसमें जोखिम भी अधिक होता है, पर अगर आपको लाभ मिलता है तो या सारे लाभ से अधिक होता है।
Balanced Fund: यह फंड Equity Fund और Debt Fund का मिश्रित लाभ देता है, होता यूं है कि Balanced Fund को Equity Fund और Debt Fund दोनों में निवेश किया जाता है।
Close Ended Funds: Open Ended Funds की तरह Close Ended Funds के भी बहुत सारे प्रकार होते हैं, पर हमने केवल उनमें से दो मुख्य प्रकार कोही आपके सामने रखा है।
Close Ended Funds के प्रकार
a. Capital Protection Fund
b. Fixed Maturity Plan
Capital Protection Fund: इस फंड का इस्तेमाल Invest किए हुए पैसे को Safe रखने के लिए किया जाता है। इस फंड में केवल Fixe Time Period तक ही इन्वेस्ट किया जाता है, इस फंड का ज्यादा हिस्सा का निवेश Fixed Encome Security में किया जाता है, और थोड़ा हिस्सा Equity Fund में किया जाता है।
Fixed Maturity Plan: यह प्लान Fixed Deposit का ही दूसरा विकल्प होता है, इसमें निश्चित अवधि के लिए निवेश किया जाता है। आप इसमें निवेश कर सकते हैं, इसमें जोखिम बहुत ही कम होता है, इसमें Maturity की अवधि 1 महीने से लेकर 5 साल तक का होता है, पर ज्यादातर लोगों में 3 साल की अवधि का Maturity ज्यादा पसंद किया जाता है।
Mutual Funds मैं कैसे निवेश करें?
Mutual Funds मैं निवेश करने के लिए बहुत सारे तरीके हैं, आप Mutual Funds मैं निवेश करने के लिए Groww, Kuvera, आदि जैसे App का इस्तेमाल कर सकते हैं। Groww और Kuvera दोनों ही अच्छी सुविधा प्रदान करती है।
Mutual Funds मैं निवेश के फायदे
दोस्तों वैसे तो मुचल फंड में निवेश करने के बहुत सारे फायदे हैं, पर हमने उनमें से 5 मुख्य फायदों को आपके सामने रखा है, जो निम्नलिखित हैं।
- Management
- Diversification
- Variety Option
- Affordable
- Tax Benefits
Management: सबसे बड़ी बात यह है कि Mutual Funds में आपका निवेश किया हुआ पैसा, विशेषज्ञ द्वारा मैनेज किया जाता है, जिससे निवेशक में भरोसा बना रहता है।
Diversification: Mutual Funds में पैसा लगाने का फायदा यह है कि आपका पैसा एक जगह नहीं लगाया जाता है। जिससे अगर किसी निवेश में घाटा भी हुआ तो दूसरे निवेश में फायदा हो जाता है, और निवेशक को ज्यादा जोखिम भी नहीं उठाना पड़ता है।
Variety Option: Mutual Funds हर उस व्यक्ति के लिए है जो निवेश करना चाहता है। यदि आप ज्यादा लाभ पाना चाहते हैं तो आपको ज्यादा रिटर्न वाला विकल्प यहां मिलता है, यदि आप अधिक सुरक्षित निवेश की इच्छा रखते हैं तो आखिर सुरक्षित निवेश का भी विकल्प उपलब्ध है। आसान शब्दों में कहूं तो यहां आपको आपकी इच्छा के अनुसार विकल्प मिल जाते हैं, निवेश करने के लिए।
Affordable: आप तो जानते हैं कि बड़ी कंपनियों का शेयर कितना महंगा होता है, पर Mutual Funds पर या फायदा होता है कि आपके द्वारा निवेश किए गए पैसे को छोटी आज बड़ी कंपनियों दोनों में लगाया जाता है, जिस से अधिक लाभ मिलता है।
Tax Benefits: अगर आप शेयर मार्केट की थोड़ी सी भी जानकारी रखते होंगे तो आपको पता होगा शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए टैक्स देना पड़ता है, पर Mutual Funds में आपको टैक्स की छूट मिलती है। इसी वजह से म्यूच्यूअल फंड लोगों में और भी लोकप्रिय होता जा रहा है।
आशा है! ऊपर दी हुई जानकारियां को ज्ञानवर्धक लगी होंगी, और आपको यह भी जानने को मिला होगा की Mutual Funds in Hindi क्या है? यदि आपको हमारी यह लेख पसंद आए तो इसे अपने मित्रों के साथ फेसबुक, व्हाट्सएप, आदि पर शेयर करके MyBagicha को अपने जैसे और हिंदी पाठकों तक पहुंचने में सहायता करें।