मानव शरीर एक चलता फिरता Machine है। इस वाक्य को आपने अवश्य ही कभी ना कभी सुना होगा, इस मशीन को चलने के लिए बहुत सारे चीजों की जरूरत होती हैं जिसमें एक डीएनए भी है। बहुत सारे लोग डीएनए के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं, शायद उनमें से ही आप एक हो। यदि आप DNA के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि इस लेख में हमने DNA Full Form एवं DNA से जुड़ी संपूर्ण आवश्यक जानकारियां आपके साथ आधा करने की कोशिश की है, जो हमारे रिसर्च अनुसार पूर्ण रूप से तथ्यात्मक एवं सत्य हैं। DNA के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को आप अंत तक अवश्य पढ़ें।
DNA Full Form क्या है?
DNA का Full Form “Deoxyribonucleic Acid” होता है, जिसका हिंदी अर्थ यानी हिंदी Full Form “डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल” है।
DNA क्या है?
DNA यानी Deoxyribonucleic Acid एक अनु है, जो दो पोलीन्यूक्लियोटाइड चेन से बना होता है। DNA में जीव के निर्माण एवं रखरखाव के संपूर्ण आवश्यक जानकारियां उपस्थित रहती हैं, एवं यह जीव की संरचना और कार्य को निर्दिष्ट करती है।
DNA के बारे में।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व का हर व्यक्ति अपनी डीएनए का 99.9% दूसरे व्यक्ति के साथ साझा करता है, इसका अर्थ यह हुआ कि मानव शरीर में पाया जाने वाला डीएनए संपूर्ण मानव जाति के डीएनए का 99.9% समान ही होता है। एवं एक तथ्य भी है कि जिस प्रकार 99.9% डीएनए संपूर्ण मानव जाति में समान होता है, उसी प्रकार संपूर्ण मानव जाति का 98.7% डीएनए चिम्पान्जी के भी समान होता है।
आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा यदि हम मानव शरीर के डीएनए (DNA) के कोशिकाओं (cell) को एक के आगे एक जोड़ दें तो यह सूर्य से लेकर पृथ्वी की दूरी तक को 600 बार चक्कर लगा सकती है। एवं यदि हम बात करें डीएनए के खोज के बारे में तो हम आपको बता दें कि अधिकतर लोग यह मानते हैं कि डीएनए की खोज आज से करीब 70 वर्ष पूर्व यानी 1953 में अमेरिकी जीवविज्ञानी James Watson और अंग्रेजी भौतिकशास्त्री Francis Crick द्वारा की गई थी, लेकिन सत्य कुछ और है। यदि हम Nature की एक लेख की बारे में बात करें तो उसमें यह बताया गया है कि डीएनए का खोज सर्वप्रथम 1860 ईस्वी में ही एक स्विस रसायनज्ञ Friedrich Miescher द्वारा कर दी गई थी।
आप यह भी जान लें कि मानव शरीर में डीएनए केवल रक्त कोशिकाओं को छोड़कर हर जगह उपस्थित होता है, यदि आपने इस बात पर कभी ध्यान दिया होगा कि ज्यादातर लोग अपने माता पिता के समान ही होते हैं, यानी उनके बोलने का ढंग, या उनका कद, या उनका रंग, आदि माता-पिता के जैसा होता है, लेकिन क्या आप इस बात को जानते हैं कि ऐसा क्यों है? यदि नहीं तो हम आपको बता दें कि मानव शरीर में डीएनए के 23 जोड़े होते हैं, प्रत्येक जोड़े में एक डीएनए का एक गुन माता से एवं दूसरा कोई पिता से ही प्राप्त होता है। अतः यही कारण है कि मानव अपने माता पिता के समान होता है।
आशा है! आपको ऊपर दी हुई जानकारियां ज्ञानवर्धक लगी होंगी, एवं इस बात का भी ज्ञान प्राप्त करने को मिला होगा कि DNA Full Form क्या है? यदि आपको हमारी यह लेख पसंद आए तो इसे अपने मित्रों के साथ फेसबुक, व्हाट्सएप, आदि पर शेयर करके MyBagicha को अपने जैसे और हिंदी पाठकों तक पहुंचने में सहायता करें।