Hello Readers!!! You Are Highly Welcome On Our Website To Read About Motivational Poems In Hindi / अमृता प्रीतम की हिंदी कविताएं On Our Informational Website Famous Hindi Poems.
Famous Hindi Poems सूचना वेबसाइट पर हिंदी में Motivational Poems के बारे में पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर आपका बहुत स्वागत है। नमस्कार दोस्तों, आज की पोस्ट में, आप Motivational Poems In Hindi में पढ़ेंगे ।
प्रेरणा वह प्रक्रिया है जो लक्ष्य-उन्मुख व्यवहारों को आरंभ, मार्गदर्शन और बनाए रखती है। रोजमर्रा के उपयोग में, “प्रेरणा” शब्द का प्रयोग अक्सर यह वर्णन करने के लिए किया जाता है कि कोई व्यक्ति कुछ क्यों करता है। यह मानवीय क्रियाओं के पीछे प्रेरक शक्ति है। उद्देश्य स्वयं से बड़े लक्ष्य के प्रति आसक्ति है; एक स्व-संगठित उद्देश्य जो आपका मार्गदर्शन करता है और प्रासंगिकता और अर्थ के साथ सरलतम कार्यों को भी प्रभावित करता है।
यह एक साधारण लक्ष्य या उद्देश्य से आगे निकल जाता है क्योंकि यह एक दीर्घकालिक और गहरे अर्थ पर केंद्रित होता है। जब आप प्रेरित होते हैं, तो आपके पास अपना जीवन बदलने की इच्छा होती है। परिवर्तन की इच्छा के कारण प्रेरणा आपको अपने लक्ष्य की ओर धकेलती है। प्रेरणा आपको अपने लक्ष्य को स्पष्ट करने में मदद करती है ताकि आप जान सकें कि आप किस दिशा में काम कर रहे हैं।
Best Motivational poems in Hindi | मोटिवेशनल कविताए
1. ” कोषिश कर हल निकलेगा “
कोशिश करो, समाधान आ जाएगा
आज नहीं तो कल आ जाएगा
अर्जुन का तीर सा
रेगिस्तान से भी पानी निकलेगा।
मेहनत करो, पौधों को पानी दो
बंजर भूमि से भी फल निकलेंगे।
ताकत जुटाओ, हिम्मत बढ़ाओ
शरीर की ताकत भी निकलेगी
ज़िंदा रहो, उम्मीदों को दिल में रखो
गरल के समुद्र से गंगा जल भी निकलेगा।
कोशिश करते रहो
आज जो रुका है वो कल निकलेगा
2. “ लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती “
लहरों के डर से नाव पार नहीं करती,
कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती।
जब छोटी चींटी अनाज लेकर चलती है,
दीवारों पर चढ़ने पर बार-बार फिसलती है।
मन का विश्वास नसों में भर देता है साहस,
चढ़ना और गिरना, गिरना और चढ़ना कोई समस्या नहीं है।
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं जाती,
कोशिश करने वाले कभी हार नहीं मानते।
सिंधु में गोताखोर लगाते हैं डुबकियां
वह चला जाता है और खाली हाथ वापस आ जाता है।
मोती गहरे पानी में आसानी से नहीं मिलते,
इस आश्चर्य में बढ़ता दोहरा उत्साह।
उसकी मुट्ठी हर बार खाली नहीं होती,
कोशिश करने वाले कभी हार नहीं मानते।असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करें
क्या कमी है, देखो और सुधारो।
जब तक आप सफल नहीं हो जाते, तब तक अपनी नींद और शांति को छोड़ दो,
युद्ध के मैदान को छोड़कर भागो मत।
बिना कुछ किए जय जय कार नहीं बनती।
कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती।
3. ” बढ़े चलो बढ़े चलो “
न तो हाथ भाला है
न तो हाथ एक हथियार है
न ना ही माथे पर सिकन है
हिलो मत, डरो मत, चलो चलते हैं, चलते हैं।
जब बर्फ-शिखर के सामने हो
आपकी प्रतिज्ञा चमकती है
लोग जाए तो भी
रुको मत, झुको मत, चलो चलते हैं, चलते हैं।
अटूट हो
संतुलन में रहो
एक ही अमृत का घूंट लो
रुको मत, झुको मत, चलो चलते हैं, चलते हैं।
गगन उगलता आग हो
छिड़ा मरण का राग हो
लहू का अपने फाग हो
रुको मत, झुको मत, चलो चलते हैं, चलते हैं।
चलो एक नया उदाहरण बनें
एक नया कल बनें
जो ना भयानक हो
रुको मत, झुको मत, चलो चलते हैं, चलते हैं।
शेष रक्त तौलना
आजादी की कीमत
मुश्किल समय खोलो
डरो मत, मरो मत, चलो आगे बढ़ते हैं, बढ़ते हैं।
4. ” आग जलानी चाहिए “
पीर पहाड़ की तरह पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कुछ गंगा निकलनी चाहिए
आज यह दीवार पर्दों की तरह हिलने लगी है
लेकिन शर्त ये थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए
हर गली में, हर शहर में, हर कस्बे में, हर गाँव में
हर लाश को हाथ लहराते चलना चाहिए
मेरा मकसद सिर्फ हंगामा करना नहीं है
पूरी कोशिश की जा रही है कि यह चेहरा बदलना चाहिए
मेरे सीने में नहीं तो ठीक तुम्हारे सीने में
जहाँ कहीं आग है, लेकिन आग जलनी चाहिए
5. “ तुम चलो तो सही “
राह में हजार कठिनाइयाँ होंगी,
दो कदम चलो तो सही,
पूरा होगा हर सपना,
तुम चलो तो सही , तुम चलो तो सही।
मुश्किल है पर इतना नहीं
कि आप नहीं कर सकते
मंजिल दूर है पर इतना भी नहीं,
जो तुम नहीं पा सकते
तुम चलो तो सही , तुम चलो तो सही।
एक दिन तेरा नाम भी होगा,
आपका भी स्वागत होगा
अगर आप कुछ सही लिखते हैं,
थोड़ा आगे बढ़ोगे तो सही,
तुम चलो तो सही , तुम चलो तो सही।
कब तक सपनो के समंदर में डूबते रहोगे,
यदि आप कोई रास्ता चुनते हैं तो ठीक है,
अगर आप सही से जागते हैं, अगर आप कुछ सही करते हैं,
तुम चलो तो सही , तुम चलो तो सही।
कुछ नहीं मिला तो कुछ सीख जाओगे।
जीवन के अनुभव को साथ लेकर चलेंगे,
गिरते ही उठ जाओगे
एक बार फिर आप कुछ सीख जाओगे।
तुम चलो तो सही , तुम चलो तो सही।
6. ” नर हो, न निराश करो मन को “
ना हो न निराश करो मन को
कुछ काम करो, कुछ काम करो
दुनिया में रहकर कुछ नाम बनाओ
इस जन्म का क्या अर्थ है
समझें कि यह व्यर्थ नहीं है
शरीर के लिए उपयुक्त कुछ करें
नर हो न निराश करो मन को
सावधान रहें चूके नहीं
अच्छा उपाय कब व्यर्थ गया?
दुनिया को समझना कोई सपना नहीं
अपना मार्ग प्रशस्त करें
निर्भर है अखिलेश्वर
नर हो न निराश करो मन को
जब आपको यहां सभी तत्व मिल जाते हैं
फिर वह सार कहाँ जा सकता है?
आप स्वात सुधा जूस पिएं
उठो और अमरत्व दो
नशे में रहो, कृपया कानन
नर हो न निराश करो मन को
अपने अभिमान से अवगत रहें
हम भी कुछ
मरणोपरांत गायन
अब सब जाओ लेकिन विश्वास करो
मेरे साधन से कुछ नहीं होता
नर हो न निराश करो मन को
प्रभु ने आपको उपहार दिया
सभी वांछित चीजें बनाएं
आप उन्हें प्राप्त करते हैं परवाह नहीं
फिर किसका दोष है?
ऐसा मत सोचो कि कोई पैसा दुर्गम है
नर हो न निराश करो मन को
आप किस महिमा के पात्र नहीं हैं
जब आपको सुख नहीं नहीं मिलता
आप भी हैं जगदीश्वर के लोग
हर कोई जिसका अपना घर है
फिर उसके लोगों के लिए क्या दुर्लभ है
नर हो न निराश करो मन को
मुकदमेबाजी के लिए खेद नहीं है
मेरे लक्ष्य में फर्क करो
उद्यमिता ही एकमात्र तरीका है
प्राप्त करता है जो सुख का धन है
बेकार जीवन के बारे में सोचो
नर हो न निराश करो मन को
कुछ काम करो, कुछ काम करो
7. ” सफ़र में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो “
सफ़र में धूप होगी, चल सको तो चलो
सफ़र में धूप होगी, चल सको तो चलो
भीड़ में सब हैं, बाहर जा सको तो चलो
यहां और वहां कई मंजिलें हैं,अगर सको तो चलो
साँचे बन गए हैं, ढल सकते हो तो चलो
राहें कहाँ बदल जाती हैं किसी की खातिर ?
अगर आप खुद को बदल सकते हैं तो चलो
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिराके अगर तुम संभल सको तो चलो
यही है जिंदगी कुछ ख्वाब चंद उम्मीदें
इन्हें खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
हर एक सफ़र को है मह्फूज़ रास्तों की तलाश
हिफाज़तों की रिवायत बदल सको, तो चलो
कहीं नहीं कोई सूरज, धुआँ-धुआँ है फिज़ा
ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको, तो चलो.
8. ” मंजिल दूर नहीं है | “
जो प्रदीप दिखाई दे रहा है वह दूर नहीं है
थककर बैठ गये क्या भाई! मंज़िल दूर नहीं है।
खून की चिंगारी बन गई
पैर से गिरी हुई बूंद
चमको, पीछे देखो
चरण – चिह्न प्रबुद्ध – से।
यह आराध्य-भूमि शुरू हुई,
थकान नहीं होती
और नहीं तो पैर सेट हैं,
डगमगाते हुए क्यों गिरते हैं?
बाकी इन्द्रियाँ तब तक ही जब तक आग न जल रही हो;
थककर बैठ गये क्या भाई! मंज़िल दूर नहीं है।
अपनी हड्डी मशाल के साथ
तमस से फटे दिल के साथ,
आपको रात भर चोट पहुँचाई
कुलिश निर्दयी है।
खेड़ा किसी भी विधि का शेषफल है
इसे पार करो
देखो कौन आगे चमकता है
यह है प्रियतम का मंदिर।
आओ और इतने करीब चलो, वह सच्चा हीरो नहीं है,
थककर बैठ गये क्या भाई! मंज़िल दूर नहीं है।
दिशा उज्ज्वल हो रही है
पुण्य – आपका प्रकाश,
अलिखित पत्र
अपने इतिहास में।
जिस मिट्टी ने खून पिया,
वह फूल देगी
एम्बर एक घन का निर्माण करेगा
यह तुम्हारी आह है।
अधिक जाँच करें, देवता इतने क्रूर नहीं हैं।
थककर बैठ गये क्या भाई! मंज़िल दूर नहीं है।
9. ” अभी बाकी है “
चल सको तो इन मुश्किल रास्ते पर चलो।
तेरी जिंदगी की राह, वो मुकाम अभी बाकी है
इस तरह निराश न हों, अपना सफर देख
वह विश्वास के साथ आया था, कि विश्वास अभी बाकी है
कुछ रातें ऐसी होती हैं, जब डगमगाती हैं तो चली जाती हैं
बस हिम्मत अपने में रखो, सारी आस अभी बाकी है
तुम अकेले रहोगे, एक समय ऐसा आएगा
होश मत खोइए, तेरी उम्मीद अभी बाकी है
जब आप कमजोर हों, तो इसके बारे में सोचकर ही उठें
चरण दो कि डेढ़, वह खाता अभी बाकी है
ये तो बस एक हिस्सा था, मेरे जीवन का हिस्सा
मेरी कलम से जिंदगी का सार आना बाकी है
10. ” जब कठिनाई उत्पन्न होती है। “
मैं इधर-उधर भटकता रहा
जिंदगी में यही सीखा
सभी को मुसीबत में छोड़कर
जब कठिनाई उत्पन्न होती है।
किस्मत से ही लड़ना होगा
हीरो आपको ही बनना होगा
जीत हाथ में आएगी
आपको सब्र करना होगा
दुख भी आएगा, सुख भी आएगा
ध्यान रखना मेरे भाई
सभी को मुसीबत में छोड़कर
जब कठिनाई उत्पन्न होती है।
हाथ मिलाकर एक साथ चलना है
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने हैं
साथ छोड़ो,
कहने के लिए यह सब तुम्हारा है लेकिन
देखो कोई झूठ नहीं बोल रहा है
सभी को मुसीबत में छोड़कर
जब कठिनाई उत्पन्न होती है।
इस अँधेरे में सब्र रखो
क्रमशः
भोर तक नहीं मेरे दोस्त
यह कविता सिर्फ एक कविता है
उसी विजेता से चिपके रहो
ये है दुनिया की सच्चाई
सभी को मुसीबत में छोड़कर
जब कठिनाई उत्पन्न होती है।
मैं इधर-उधर भटकता रहा
जिंदगी ने यही सीखा
सभी को मुसीबत में छोड़कर
जब कठिनाई उत्पन्न होती है।
11. ” ज़िन्दगी जीना सीखा रही थी “
कल जीवन की एक झलक देखी,
रास्ते में वो मुझे गुनगुना रही थी,
फिर इसे इधर-उधर ढूंढा
वो मंद-मंद मुस्कुरा रही थी,
बहुत दिनों बाद समझौता हुआ,
वह मुझे सुला रही थी
हम दोनों एक दूसरे से नाराज़ क्यों हैं?
मैं उसे समझा रहा था और वो मुझे,समझा रही थी
मैंने पूछा- इतना दर्द क्यों दिया?
वो हँसी और बोली- मैं जिंदगी हूँ पगले
तुझे जीना सिखा रही थी।
12. ” अँधेरे का प्रकाश “
अँधेरे के बाद कहते हैं सुबह होजाती हैं
फिर भी बाधाएं घेरती हैं
सूरज की किरणों की प्रतीक्षा करें
या अँधेरे में अपना उजाला ढूंढू
अँधेरे में कुछ नज़र नहीं आता
सड़क अभी भी चलती दिख रही है
मैं सूरज की किरणों की प्रतीक्षा करता हूँ
या पथों के साथी के रूप में मैं अपना स्वयं का प्रकाश बनूं?
सैकड़ों मिश्रित विचार
गुज़रते लम्हे सुने जाते हैं
मैं लम्हों के गुज़र जाने का इंतज़ार करूँ
या मैं “समय” के प्रकाश से पहले अपना खुद का जलता हुआ दीपक बनूं?
13. ” लक्ष्य मिलना चाहिए “
सन्यास की चिन्ता करके घर छोड़ देना चाहिए,
रास्ता कुछ भी हो, बस लक्ष्य पूरा होना चाहिए।
तुझे बाँधने वाले सारे बंधन तोड़ देते हैं
ठोकरों से गिरे तो हिम्मत मत हारो,
उनसे सीख लेकर हमें चुपचाप चलना चाहिए।
रास्ता कुछ भी हो, बस लक्ष्य पूरा होना चाहिए।
पकड़ता रहता है, हमेशा भागने नहीं देता
यह आपको अपनी रगों में जागने नहीं दे देता
जो आपको रोकता है हर डर दूर हो जाना चाहिए।
रास्ता कुछ भी हो, बस लक्ष्य पूरा होना चाहिए।
देखेगी ये दुनिया, हम भी किसी से कम नहीं
काश हम वहीं उड़ जाते,
दिन में चिड़िया जैसा अहसास होना चाहिए,
रास्ता कुछ भी हो, बस लक्ष्य पूरा होना चाहिए।
हर बार सोचता हूँ पर पांव भी नहीं हिलता
हमेशा उन्हें खो दो जो नहीं बदलते
अगर जीतना है तो समय के हिसाब से खुद को ढाल लेना चाहिए।
रास्ता कुछ भी हो, बस लक्ष्य पूरा होना चाहिए।
14. ” ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है “
कभी-कभी आपकी हंसी पर गुस्सा आ जाता है।
कभी-कभी वो सारी जगहें जहां दिल हंसना चाहता है।
कभी कभी ग़म को दिल के किसी कोने में छुपा लेते हैं।
कभी-कभी मैं दिल किसी को सब कुछ बताना चाहता है।
लाख दु:ख होने पर भी कभी रोना मत।
और कभी-कभी दिल सिर्फ आंसू बहाना चाहता है।
कभी कभी आज़ाद घूमना अच्छा लगता है, लेकिन
कभी-कभी दिल किसी के बाहों में सिमट जाना चाहता है।
कभी-कभी सोचें कि जीवन में कुछ नया हो रहा है।
और कभी-कभी दिल बस ऐसे ही जीना चाहता है।
15. ” एक रोज तू निखरेगा “
जो तू बिखरा है, एक रोज तू निखरेगा
ढला है आज जो सूरज, कल सुबह वो निकलेगा ॥
माना तेरी मंजिलें इन लोहे कि जंजीरों में है
पर जब तू तपेगा , तेरे तपन से वो लोहा भी पिघलेगा
आज तू बिखरा है, एक रोज तू निखरेगा ।
मंजिलों के रास्तों में काटे तो सभी के है
मगर तेरे अंदर जुनून है तो , तू काटो पे चलेगा
आज तू बिखरा है, एक रोज तू निखरेगा ॥
आज सूरज डूबा है, कल सुबह निकलेगी
हवा विपरीत दिशा में क्यों नहीं चलती, आप कदम दर कदम चलेंगे
कल के लिए तैयार रहना है तो आज गिरेगा
आज तुम बिखरे हुए हो, एक दिन तुम चमकोगे।
तेरी कोशिशों को देखकर एक दिन हवा भी बदल जाएगी
आज भले ही आप बिखरे हुए हों, लेकिन एक दिन आप चमकेंगे।
जो सूरज आज डूबा है, कल सुबह निकलेगा |
16. ” सफलता का मूल “
मकड़ी गिरती उठती है सो बार,
गिरकर उठना सिखाती है बार बार,
सफल जिंदगी में वही होता है,
जो कभी न अपना हौसला खोता है,
सफलता का मूल वही जानता है,
जो जिंदगी की राह में गिर कर उठता है,
कभी भी गिर जाओ पर हार न मानो,
जीवन में अपना लक्ष्य क्या है वह पहचानो,
पैसे कमाना ही सफलता नहीं होती,
लोगो के दिलों में जगह बनाना ही सफलता होती है
सफल होकर अहंकार को अपने पास न आने दें,
जो आपसे मदद मांगे उन्हें दे दो,
मंजिलें सबके लिए उपलब्ध हैं,
लेकिन मंजिल पाना ही सफलता नहीं है।
यदि आपके कार्य दूसरों के लिए लाभदायक हैं,
तब सभी को लगता है कि आपकी सफलता प्यारी है,
जीवन में बस याद रखना,
सफलता पाने की कोशिश करते रहो,
दूसरों को कभी भी अपने से छोटा मत समझो,
अमीर हो या गरीब सबको गले लगाना सीखो,
17. ” निकलना हैं मंजिलो की ओर, निकलना हैं खेतों की ओर “
फिर से खेतों में बीज बोने के लिए
सुबह उठो पंक्षियों के साथ
मंजिलों की ओर जाना है
खेतों के लिए निकलना पड़ता है।
मिट्टी से फिर से सोना उगाने के लिए
क्या होगा अगर प्रकृति कहर बरसा सकती है
हमे हार नहीं मानना चाहिए
मैंने ऐसे ही फैसला किया है, सभी को इसी तरह फैसला करना है।
पानी से ढके खेत
बीजरहित पौधे
आत्महत्या करने को मजबूर किसान
उनके हौसले बढ़ाने के लिए
आपको फिर से वही ताकत पौधों में लानी है।
रासायनिक उर्वरक शूट
गाय के गोबर से बनी खाद
खेतों की रखवाली
अपने आप को बर्बादी से बचाएं।
आएंगे नेता हमारे हालात पर राजनीति करेंगे
मीडिया भी बना देगा ब्रेकिंग न्यूज
पर कोई ग़म हमें नहीं ले जाएगा
अब कोई किसान नहीं मरेगा
क्योंकि कृषि में क्रांति है
किसानों को आगे बढ़ना होगा।
18. ” मुझे अपनी मंजिल को पाना है “
आजकल हर किसी के जीवन में बहुत दर्द होता है।
मैं मिटा नहीं सकता लेकिन
काम करने के इरादे से
मैं सबको हंसाना चाहता हूं।
कहाँ समाप्त होता है
पूरी दुनिया में कामना करना
आज तक नहीं मिला
पता नहीं यह एक पैमाना है।
मैं भटक नहीं रहा हूँ
मैं आगे बढ़कर अपनी मंजिल तक पहुंचना चाहता हूं।
समय कहाँ है
कि कोई भी दर्द मुझे सुनता है
मेरे लिए हर शब्द चुपचाप
सबके दिल तक पहुंचता है
हर हाथ का साथ देता है
जब तारे ऊँचे होते हैं
जब बारिश हो रही हो
बहुत सारी किस्मत।
अनजान लोग फिर
अपनों ने पहचान लिया
जहां प्यार की दौलत मिलती है
अब मुझे उस जगह जाना है।
मैं भटक नहीं रहा हूँ
मैं आगे बढ़कर अपनी मंजिल तक पहुंचना चाहता हूं।
19. ” लगता है ये संसार बस संसार है “
कभी-कभी ऐसा लगता है कि इस जीवन में ढेर सारी खुशियाँ हैं,
कभी-कभी ऐसा लगता है कि जीवन बेकार है।
कभी-कभी ऐसा लगता है कि लोगों में बहुत प्यार है,
तो कभी-कभी ऐसा लगता है कि रिश्ते में सिर्फ दरार है।
कभी कभी लगता है हम भी जीने को बेताब है,
तो कभी-कभी ऐसा लगता है कि हम ही मौत का इंतजार कर रहे हैं।
कभी-कभी लगता है हम भी उनसे प्यार करते हैं,
तो कभी-कभी ऐसा लगता है कि प्यार का ही बुखार है।
कभी-कभी ऐसा लगता है कि शायद वो भी हमसे इजहार करते हैं,
तब लगता है कि हम दोनों का ही झगड़ा है।
कभी लगता है सब अपने ही यार है,
फिर लगता है इनमें भी छिपे गद्दार है ।
कभी लगता है कितना प्यारा संसार है ,
तो कभी लगता है ये संसार बस संसार है ।
20. ” माना इक कमी सी है,जिंदगी थमीं सी हैं “
जो छूट गया उसके लिए मुझे क्या पछताना चाहिए?
आपके पास जो कुछ भी है, आइए केवल उसी पर प्रश्न करें।
बहुत दूर जाता है, यंडो का काफिला,
फिर पुरानी यादों में सुबह से शाम क्यों करते हो।
मान लीजिए कोई कमी है, जीवन धीमा है,
पर दिल की धड़कनों को अलग क्यों रखूँ !!
जीने का कोई नया बहाना मिलेगा,
आओ, इत्मीनान से कुछ खास का इंतज़ार करें
21. “प्यार के गीत गाते रहो “
प्रेम गीत गाते रहो
आप हमेशा मुस्कुराते रहो ।
जीवन की बड़ी कठिन सड़क,
सदा सुख के गीत गाते रहो।
हंस-हंसकर कट जाएगी ये सड़क,
ऐसे ही छटपटाता रहेगा दुखो के बादल।
चलो बस प्यार के धागे को थाम लेते हैं,
जीवन का कोई न कोई बोझ बाट लेते है
दुखी मत हो, खेद मत करो,
हमारे मन में नया जोश आए।
जीवन में प्यार हमेशा बढ़ता रहे,
मन में कोई नाराजगी न होने दें।
प्रेम के गीत गाते रहो…………..
22. ” एकाकी होना आश्चर्य नहीं “
अकेला होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है!
सुखद है।
यह व्यापक मन को एकाग्र करने का अभ्यास है।
उपवास कर रहा है,
तपस्या हैऔर समर्पण, अपने लिएसमाधान है,
खुद को महसूस करने के लिए।
अवसर है,
दानशील
23. ” दुनियां निराली है “
अजीब है ये दुनिया
बजाती ताली है गरोज़ के लिए
प्रियजनों के लिए
मुंह शापित है
अजीब है ये दुनिया
यह आपको बताएगा
कुछ सिखाना चाहता हूँ
खुद को तोड़ना
गैरो
आपको नीचा दिखायेगा
आप जो उन्हें देखते हैं
ये हैं बाहर से आने वाली गंध
यह तुम्हारी आँखों का धोखा है
यह आपको पहले हंसाएगा
फिर उनके पास रोने का मौका है
उनके पास रोने का मौका है
लेकिन अपना साथी खुद चुनें
आप दूर से
उन्हें सलाम
सलाम
अजीब है ये दुनिया
बजाती ताली है गरोज़ के लिए
प्रियजनों के लिए
मुंह शापित है
अजीब है ये दुनिया
24. “ रख हौसला वो मन्जर भी आएगा “
हिम्मत रखो, वो मंजर भी आएगा,
प्यासे के पास चलते हुए,
समंदर भी आयेगा
थक कर मत बैठो
एक मंजिल यात्री,
मंजिल भी मिलेगी और
मिल कर मज़ा आएगा
आप नए सपने देखते हैं
उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित रखें,
अगर आपका लक्ष्य ऊंचा है
तो सपने भी सच होंगे,
और सच होने में मज़ा आएगा।
मन के अँधेरे को दूर करो
आओ अपनी पहचान बनाएं
अँधेरे रास्तों में जले
आप मुश्किलों को आसान करते हैं।
आगे आपके पास कुछ करने की ताकत है,
आपको वह पहचान भी मिलेगी।
थको मत
एक मंजिल के मुसाफिरो
मंजिल भी मिल जाएगी
और मिलने में मज़ा आएगा
25. ” आगे बढ़ो “
आगे देखो
पीछे क्या है
अपने आप में पश्चाताप करने के लिए,
और क्या बचा है?
आगे बढ़ने से क्यों डरते हो?
गिरने के डर से,
या आप डरे हुए हो
दुनिया से लड़ना हैं
आप अपने आप में एक मिसाल हैं
बिना डरे आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे,
सिर्फ स्वयं में विश्वास रखो,
आप आगे बढ़ेंगे।
Motivational Poems In Hindi
तो, आज के लिए बस इतना ही। उपरोक्त सभी ( Motivational Poems In Hindi ) / मोटिवेशनल कविताएं हिंदी में पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हमें खेद है कि इस पोस्ट में हमने Motivational Poems In Hindi को नहीं लिखी।
अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। अगर आप हमारे लिए लिखना चाहते हैं तो हमसे Contact Us Page पर संपर्क करें या नीचे Comment करें। प्रसिद्ध लोगों की प्रसिद्ध कविताएं पढ़ने के लिए, आप हमेशा हमारी Website MyBagicha से जुड़े रहिए ।