DRDO भारत के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एक एजेंसी है, जिसकी स्थापना 1958 में रक्षा विज्ञान संगठन यानी Defence Science Organisation और तकनीकी विकास प्रतिष्ठान यानी Technical Development Establishment को मिलाकर किया गया था। यदि आप डीआरडीओ (DRDO) की पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। जैसे — DRDO Ka Full Form, DRDO Kya Hai, या DRDO Meaning in Hindi में जानना चाहते हैं, तो पूरी जानकारी आसान भाषा यानी सरल शब्दों में लिखा है, किसी आप को समझने में कोई भी कठिनाई नहीं होगी।
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DRDO Ka Full Form
DRDO का फुल फॉर्म Defence Research and Development Organisation होता है।
DRDO Meaning in Hindi
DRDO यानी Defence Research and Development Organisation हिंदी अर्थ “रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन” होता है।
DRDO Kya Hai?
Defence Research and Development Organisation भारत के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एक एजेंसी है, जो भारत के रक्षा शक्ति (Defence Power) को मजबूत करने का कार्य करता है।
DRDO का कार्य क्या है?
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) का कार्य नए-नए रिसर्च करके भारत के रक्षा तंत्र को मजबूत करना है। जैसा कि आप जानते हैं डीआरडीओ रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है, इसलिए इसने भारत के तीनों रक्षा सेवा, यानी — जल सेना, थल सेना, एवं वायु सेना को बहुत सारी उपलब्धियां प्राप्त कराई हैं। और भारत को एक आत्मनिर्भर भारत बनने में बड़ा योगदान दिया है।
DRDO की स्थापना कब हुई?
Defence Research and Development Organisation की स्थापना आज से करीब 62 वर्ष पूर्व 1958 में की गई थी।
DRDO का मुख्यालय कहां है?
डीआरडीओ का मुख्यालय, DRDO Bhavan नई दिल्ली में स्थित है जो राष्ट्रपति भवन के काफी निकट है।
DRDO का वर्तमान अध्यक्ष कौन है?
डीआरडीओ (DRDO) यानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) के वर्तमान अध्यक्ष डॉक्टर जी सतीश रेड्डी हैं।
DRDO का Vision क्या है?
डीआरडीओ (DRDO) का Vision भारत के Defence Service को मजबूत बनाकर भारत के रक्षा सेवाओं की टेक्निकल सॉल्यूशन देना है।
DRDO का Moto क्या है?
DRDO का Moto “Strength’s Origin is in Science” हैं। जिस का हिंदी अर्थ “शक्ति का आधार विज्ञान है” होता है।
DRDO Ki Jankari
DRDO यानी Defence Research and Development Organisation कूल 52 प्रयोगशालाओं का एक समूह है, जो भिन्न-भिन्न प्रकार के शिक्षण में जैसे — Electronics, Aeronautics, Missiles, आदि विकसित करने का कार्य करता है। डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में करीब 30000 से ज्यादा लोग काम करते हैं जिनमें से 5000 वैज्ञानिक हैं।
DRDO Ka Itihas
अब तक तो आप या जान ही चुके होंगे कि डीआरडीओ की स्थापना 1958 में रक्षा विकास संगठन और तकनीकी विकास प्रतिष्ठान को मिलाकर किया गया था। पर 1980 में डीआरडीओ की स्थापना के ठीक 22 वर्ष बाद डीआरडीओ को एक अलग विभाग बना दिया गया था, जिसमें डीआरडीओ के अंतर्गत 50 प्रयोगशालाओं का संचालन किया जाता था।
अगर हम बात करें डीआरडीओ के पहले प्रोजेक्ट की, तो इसका पहला प्रोजेक्ट इंडिगो (Indigo) था जिसकी शुरुआत 1960 में की गई थी, पर डीआरडीओ का पहला प्रोजेक्ट सफल नहीं रह पाया था, फिर उसके बाद डीआरडीओ ने 1970 में दूसरे प्रोजेक्ट को स्टार्ट किया, जिसके बाद उन्हें सफलता मिली और फिर उन्होंने अग्नि त्रिशूल नाग आकाश आदि मिसाइल को विकसित किया।